इस पोस्ट में आज आपको उत्तर प्रदेश में सरकारी जमीन का पट्टा ऑनलाइन कैसे बनाएँ, उत्तर प्रदेश राज्य में सरकारी जमीन को अपने नाम पर कैसे करते हैं. इसके बारे में यहाँ पर पूरी जानकारी स्टेप बाई स्टेप दी गई हैं. आज भी बहुत लोगों को यह पता नहीं हैं. की Uttar Pradesh Sarkari Jameen ka Patta Kaise Banaye. जिसके चलते इस योजना का लोग लाभ नहीं ले पाते हैं.
यदि आप उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी हैं. और उत्तर प्रदेश में किसी जमीन का पट्टा बनवाना चाहते हैं. तो यह पोस्ट आपके लिए बहुत ही उपयोगी हैं. इसे अंत तक जरुर पढ़ें. क्योंकि उत्तर प्रदेश के राजस्व विभाग ने जमीन क पट्टा जिसे हैसीयत प्रमाण पत्र भी कहा जाता हैं. इसे ऑनलाइन बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दिया हैं. राज्य के वैसे निवासी जिनके नाम पर घर नहीं हैं. लेकिन उनके पूर्वज कई पीढ़ी से वहां पर रह रहें हैं. उनको राज्य सरकार की तरफ से पट्टा या हैसीयत प्रमाण पत्र राजस्व विभाग द्वारा दिया जा रहा हैं.
पट्टे के लिए आप अपने घर बैठे ही कम्पूटर या मोबाइल से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए आपको उत्तरप्रदेश राज्य सरकार के राजस्व विभाग के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर कुछ प्रक्रियाओं का स्टेप बाई स्टेप पालन करना पड़ता हैं.
उत्तरप्रदेश में सरकारी जमीन का पट्टा ऑनलाइन कैसे बनाएँ?
यदि आप उत्तरप्रदेश राज्य के निवासी हैं. और आपके नाम पर घर या जमीन नहीं हैं. और आपके पूर्वज कई पीढीयों से वहा पर रह रहें हैं. लेकिन उनके पास कोई भी कागज उस घर या जमीन का नहीं हैं. तो आप उस घर या जमीन के पट्टे के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आपको ऑनलाइन पट्टे के लिए आवेदन कैसी करनी हैं. उसकी जानकारी स्टेप बाई स्टेप नीचे दी गई हैं.
Step 1 – ऑनलाइन पट्टा बनवाने के लिए आपको सबसे पहले उत्तरप्रदेश राज्य के राजस्व विभाग के ऑफिसियल वेबसाइट http://upbhulekh.gov.in/ पर जाना होगा.
Step 2 – जब आपके सामने वेबसाइट ओपन हो जाती हैं. तब आपको बहुत सारे विकल्प दिखाई देता हैं. आपको वेबसाइट के सबसे नीचे वाले सेक्शन में आना हैं. जहाँ पर आपको महत्वपूर्ण लिंक का एक सेक्शन दिखाई देगा. जिसमे से आपको प्रमाण पत्रों का सत्यापन वाले विकल्प का चुनाव करना हैं.
Step 3 – अब आपके सामने एक नई वेबसाइट ओपन हो जाती हैं. यहाँ पर भी बहुत सारे विकल्प दिखाई देते हैं. हैसीयत प्रमाण पत्र के लिए आपको आय/ जाति/ निवास प्रमाण पत्र के आप्शन को सेलेक्ट करना हैं.
Step 4 – आपके सामने अब एक नई वेबसाइट e – Sathi ओपन हो जाता हैं. यहाँ पर भी आपको अनेकों आप्शन दिखाई देते हैं.
आपको सबसे पहले यहाँ पर अपना पंजीकरण करना पड़ेगा. अगर आप पहले से पंजीकरण कर लिए हैं. तब आपको लॉगइन करना होगा.
Step 5 – अगर पंजीकरण नहीं किए हैं. तो सबसे पहले आपको यहाँ पर पंजीकरण करना होगा. इसके लिए आपको नवीन उपयोगकर्ता पंजीकरण के विकल्प पर क्लीक करना होगा. फिर आपके सामने ऑनलाइन पंजीकरण हेतु एक फॉर्म खुल जाता हैं. इस फॉर्म में आपसे कुछ जानकारी मांगी जाती हैं. जिसे सही से भरकर अंत में केप्चा कोड को भरकर सुरक्षित करें के आप्शन पर क्लिक करें. अब आपका इस website पर लॉगइन आईडी और पासवर्ड बन जाता हैं.
Step 6 – पंजीकरण करने के बाद आप फिर से वेबसाइट पर आ जायेगे. अब आपको पंजीकृत उपयोगकर्ता लॉगइन में अपना यूजर आईडी और पासवर्ड को भरकर फिर कैप्चा कोड को सही से भरकर सबमिट बटन पर क्लीक कर देना हैं. आपने नए पंजीकरण कराया हैं. तब आपने जो मोबाइल नम्बर को भरा था. उस नम्बर पर एक ओटीपी आएगा. ओटीपी को भरने के बाद आप इस पोर्टल में लॉगइन हो जाते हैं.
Step 7 – जब आप लॉगइन होते हैं. तब आपके सामने एक नया पेज ओपन होता हैं. यहाँ पर आपको बहुत सारे आप्शन दिखाई देते हैं. हमें इनमे से “हैसीयत प्रमाण पत्र” के आप्शन पर क्लिक करना हैं. अब जो पेज आपके सामने ओपन होता हैं. इसमें आपसे कुछ जानकारी भरने को कहा जताफ हैं. उसे सही से भर कर फिर सबमिट बटन पर क्लिक करें.
Step 8 – अब आपके सामने प्रमाण पत्र के सर्विस शुल्क जमा करने का आप्शन दिखाई देगा. आप इस शुल्क की ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं. शुल्क भरने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक करें. सबमिट पूरा होने के बाद आवेदन पूर्ण होने की एक रसीद मिलेगी. इसको डाउनलोड करके प्रिंट करा लें.
Step 9 – जब आप हैसीयत प्रमाण पत्र के आवेदन को ऑनलाइन जमा कर देते हैं. उसके बाद उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद उसकी जाँच करेगा. यदि कोई आपके आवेदन में कमी पाई जाती हैं. तो आपको कार्यालय में बुलाकर वह उसे पूर्ण कर सकते हैं. आप अपनी आवेदन का स्टेटस वेबसाइट में लॉग इन करने कर चेक कर सकते हैं. इसके लिए आपको जो रसीद मिला हैं. उस पर आवेदन संख्यां होगा. उसी को दर्ज कर सबमिट पर क्लिक करें. आपके आवेदन का स्टेटस का पता चल जाएगा.
उत्तरप्रदेश राज्य के उन जिलों का नाम जिनका ऑनलाइन पट्टा उपलब्ध हैं.
Agra (आगरा) | Jhansi (झाँसी) |
Aligarh (अलीगढ़) | Kannauj (कन्नौज) |
Ambedkar Nagar (अम्बेडकर नगर) | Kanpur Dehat (कानपुर देहात) |
Amethi (अमेठी) | Kanpur Nagar (कानपुर नगर) |
Amroha (अमरोहा) | Kasganj (कासगंज) |
Auraiya (औरैया) | Kaushambi (कौशाम्बी) |
Ayodhya (अयोध्या) | Kheri (खेरी) |
Azamgarh (आजमगढ़) | Kushinagar (कुशीनगर) |
Baghpat (बागपत) | Lalitpur (ललितपुर) |
Bahraich (बहराइच) | Lucknow (लखनऊ) |
Ballia (बलिया) | Mahoba (महोबा) |
Balrampur (बलरामपुर) | Mahrajganj (महाराजगंज) |
Banda (बाँदा) | Mainpuri (मैनपुरी) |
Bara Banki (बाराबंकी) | Mathura (मथुरा) |
Bareilly (बरेली) | Mau (मऊ) |
Basti (बस्ती) | Meerut (मेरठ) |
Bijnor (बिजनौर) | Mirzapur (मिर्ज़ापुर) |
Budaun (बदायूँ) | Moradabad (मुरादाबाद) |
Bulandshahar (बुलंदशहर) | Muzaffarnagar (मुजफ्फरनगर) |
Chandauli (चंदौली) | Pilibhit (पीलीभीत) |
Chitrakoot (चित्रकूट) | Pratapgarh (प्रतापगढ) |
Deoria (देवरिया) | Prayagraj (प्रयागराज) |
Etah (एटा) | Rae Bareli (रायबरेली) |
Etawah (इटावा) | Rampur (रामपुर) |
Farrukhabad (फ़र्रूख़ाबाद) | Saharanpur (सहारनपुर) |
Fatehpur (फतेहपुर) | Sambhal (सम्भल) |
Firozabad (फ़िरोजाबाद) | Sant Kabir Nagar (संत कबीरनगर) |
Gautam Buddha Nagar (गौतमबुद्ध नगर) | Sant Ravidas Nagar (Bhadohi) (संत रविदास नगर) |
Ghaziabad (गाजियाबाद) | Shahjahanpur (शाहजहाँपुर) |
Ghazipur (ग़ाज़ीपुर) | Shamli (शामली) |
Gonda (गोंडा) | Shrawasti (श्रावस्ती) |
Gorakhpur (गोरखपुर) | Siddharthnagar (सिद्धार्थनगर) |
Hamirpur (हमीरपुर) | Sitapur (सीतापुर) |
Hapur (हापुड़) | Sonbhadra (सोनभद्र) |
Hardoi (हरदोई) | Sultanpur (सुल्तानपुर) |
Hathras (हाथरस) | Unnao (उन्नाव) |
Jalaun (जालौन) | Varanasi (वाराणसी) |
Jaunpur (जौनपुर) |
FAQ
प्रश्न 01 – क्या पट्टा धारक जमीन का मालिक होता हैं?
नहीं पट्टाधारक जमीन का मालिक नहीं होता हैं. सरकार उसे एक निश्चित अवधि के लिए किसी विशेष उद्देश्य के लिए जमीन पट्टे पर आवंटित करती हैं. पट्टाधारक पट्टे वाली जमीन का खरीद बेच भी नहीं कर सकता हैं.
प्रश्न 02– लीज का मतलब क्या होता हैं?
लीज (पट्टा) एक प्रकार का अनुबंध हैं. लीज एग्रीमेंट में वो शर्तें होती हैं. जो सुनिश्चित करता हैं. की प्रॉपर्टी के मालिक और किरायेदार के बीच किन शर्तों पर किरायेदार को प्रॉपर्टी का इस्तेमाल करने की अनुमति देता है।
प्रश्न 03 – जमीन के पट्टा का आवंटन कितने तरह के होते हैं?
- आवास का पट्टा
- कृषि का पट्टा
- वृक्षारोपण का पट्टा
- कुम्हारी कला का पट्टा
- मत्स्य पालन का पट्टा
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